आचार्य बृजकुमार दीक्षित यंत्र मंत्र तंत्र वास्तु ज्योतिष विशेषज्ञ है । उनका जीवन पौरोहित्य व ज्योतिष से जुड़ा है, उनका कार्यक्षेत्र भारत के कई राज्यों से जुड़ा है । उन्हें ज्योतिष और वास्तु से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं के लिए संतोषजनक ज्योतिषीय सेवाओं के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में ज्योतिष कर्मकांड जप, यज्ञ, प्रतिष्ठा, प्राण प्रतिष्ठा के साथ श्रीमद् भागवत कथा, श्रीमद् देवी भागवत कथा, शिव पुराण, राम कथा आदि संगीतमय व बिना संगीत के साथ करते चले आ रहे हैं ।
ज्योतिष के क्षेत्र में भृगुज्योतिष, लाल किताब पर आधारित जन्मकुंडली हस्तलिपि भृगु संहिता से बनाते है तथा बिना कुंडली वाले प्रश्नों का विशेष रुप से योगायोगो का विचार करते हुए सही रूप से शुद्ध विश्लेषण करके उचित सलाह भी देते है ।
जपादि कार्य में विशेष रुप से शत्रु बाधा निवारण मुकदमा चुनाव बाद में विजय प्राप्त हेतु पीतांबरा बगलामुखी का जप एवं जन्म कुंडली में मार्केश की दशा या किसी अशुभ दशा के द्वारा उत्पन्न रोगों की शांति हेतु महामृत्युंजय संजीवनी मृत्युंजय आदि के द्वारा मंत्रात्मक सफल इलाज किया जाता है ।।
इसके अलावा व्यापार वृद्धि हेतु माता त्रिपुरसुंदरी, भुनेश्वरी, सिद्ध श्रीयंत्र, श्रीसूक्त , कनकधारा आदि द्वारा महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त कराई जाती है ।
जन्मांग दोष का इलाज सर्वारिष्ट शांति पाठ तंत्रोक्त विधान के द्वारा कराया जाता है यह सभी कार्य वाराणसी नैमिषारण्य आदि के उच्च कोटि के विद्वान आचार्यों के द्वारा कराया जाता ।।
वास्तु दोष का निवारण बिना तोड़फोड़ के सफल किया जाता है ।।
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